बिहार में दाखिल-खारिज एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी भूमि के स्वामित्व में परिवर्तन या हस्तांतरण को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। इस प्रक्रिया को म्यूटेशन (Mutation) भी कहा जाता है।
जब किसी भूमि का स्वामित्व बिक्री, वसीयत, उपहार, या उत्तराधिकार के माध्यम से बदलता है, तो नए मालिक को भूमि के अधिकारों को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
पहले बिहार में दाखिल खारिज के लिए प्रक्रिया थोड़ी लंबी और ऑफलाइन थी, पर अब यह प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो चुकी है, आज हम इस लेख में Bihar Bhumi पोर्टल पर बिहार राज्य के ऑनलाइन दाखिल खारिज करने और दाखिल खारिज के स्टेटस चेक करने के बारे में विस्तार से बताएंगे।
दाखिल खारिज रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
बिहार में दाखिल ख़ारिज के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें-
- सबसे पहले आप आधिकारिक वेबसाइट - https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/ पर विजिट करें।
- उसके बाद आपको नीचे की तरफ स्क्रॉल करने पर बॉक्स में “ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन करें” पर क्लिक करें।

- इसके बाद जो यूजर आईडी और पासवर्ड की मदद से Sign-in बटन पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपके सामने एक पेज खुलेगा, वहां आप अपना “जिला / अंचल” चुनकर “नया दाखिल खारिज आवेदन करें” पर क्लिक करें।

- इसके बाद आपको सभी दसतवेज़ों का विवरण डालने के बाद Buyer Details और सेलर डिटेल्स डालना है। इसके बाद आपको “Save As Draft And Next” पर क्लिक करना है।
- अब आपको Plot Details भरना होगा, यहाँ पर आपको बस अपना हल्का, मौजा, थाना इत्यादि सिलेक्ट करना है।
- अब इसमें आपको khata number, खसरा number, transacted area 1, transacted area 2, chauhaddi south, chauhaddi east, chauhaddi north, chauhaddi west भर देना है। इसके बाद आपको “save as draft and next” पर क्लिक करना है।

- अगले चरण में आपको अब इसमें आपको Upload Documents करना है, यहाँ पर आपको अपने सारे जमीन के डाक्यूमेंट्स पर सिग्नेचर करके यहाँ पर अपलोड कर देना है। इसके बाद आपको कैप्चा को डालना है और फिर चेक बॉक्स पर क्लिक करना है।
- आप बस अपना पंजीकरण संख्या नोट कर लें या फिर अपने स्मार्टफोन से फ़ोटो या स्क्रीनशॉट ले लें।
Mutation Status Check Online कैसे करें?
म्यूटेशन स्टेटस चेक करने के लिए उम्मीदवार आप निम्न चरणों का उपयोग कर सकते हैं –
- सबसे पहले बिहार भूमि की आधिकारिक वेबसाइट - https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/ पर विजिट करें।
- होमपेज पर अब “दाखिल ख़ारिज आवेदन की स्थिति जानें ” पर क्लिक करें।

- क्लिक करने के उपरांत आपके सामने एक पेज खुलेगा, उस पेज में आप जिला, अंचल और वित्तीय वर्ष दर्ज कर Proceed पर क्लिक दें।
- इसके बाद केस नंबर, डीड नंबर,मौजा और प्लाट नंबर के साथ -साथ कैप्चा दर्ज कर Search पर क्लिक कर देंगे।
- उसके बाद आपके सामने एक स्लिप आ जाएगी, उसी के माध्यम Mutation Status Check कर सकेंगे।
दाखिल-खारिज क्यों जरूरी है?
दाखिल-खारिज से सरकार को यह पता चलता है कि जमीन का असली मालिक कौन है। यह निम्न कार्यों के लिए जरूरी होता है:
- नई जमाबंदी बनाने के लिए
- जमीन खरीदने या बेचने के बाद
- बैंक से लोन लेने में
- भूमि विवाद से बचने के लिए
- लगान और LPC से जुड़ी सेवाओं के लिए
किसी भी जमीन के मालिकाना हक़ को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए दाखिल खारिज के लिए आवेदन करना बेहद ही जरुरी है, दाखिल ख़ारिज के आवेदन के 30 दिनों के बाद किसी भी प्रकार के विवाद न होने की स्थिति में जमीन का मालिकाना हक़ ट्रांसफर कर दिया जाता है.
किन स्थितियों में दाखिल-खारिज कराना होता है?
बिहार में निम्न परिस्थितियों में दाखिल-खारिज जरूरी होता है:
- जमीन की रजिस्ट्री होने पर
- जमीन वारिसों को मिलने पर
- Gift Deed या दान के बाद
- कोर्ट के आदेश से
- नाम या हिस्सेदारी बदलने पर
दाखिल-खारिज (Mutation) से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs
दाखिल-खारिज क्या होता है?
दाखिल-खारिज वह प्रक्रिया है जिसमें जमीन के नए मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड (जमाबंदी) में दर्ज किया जाता है। यह जमीन खरीदने, विरासत में मिलने या कोर्ट आदेश के बाद जरूरी होता है।
दाखिल-खारिज के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
आमतौर पर रजिस्ट्री/सेल डीड, आधार कार्ड, लगान रसीद और विरासत के मामलों में वारिसान प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
दाखिल-खारिज में कितना समय लगता है?
यदि सभी दस्तावेज सही हों तो सामान्यतः 30 से 45 दिनों में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
क्या बिना दाखिल-खारिज के जमीन बेची जा सकती है?
तकनीकी रूप से रजिस्ट्री हो सकती है, लेकिन बिना दाखिल-खारिज के जमीन सरकारी रिकॉर्ड में पुराने मालिक के नाम रहती है, जिससे भविष्य में कानूनी समस्या हो सकती है।
दाखिल-खारिज और रजिस्ट्री में क्या फर्क है?
रजिस्ट्री जमीन खरीद-बिक्री का दस्तावेज है, जबकि दाखिल-खारिज सरकारी रिकॉर्ड में मालिक का नाम बदलने की प्रक्रिया है।
अगर दाखिल-खारिज रिजेक्ट हो जाए तो क्या करें?
आप Parimarjan पोर्टल पर कारण देख सकते हैं और जरूरी सुधार करके दोबारा आवेदन कर सकते हैं या अंचल कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।