बिहार रजिस्टर 2 या जमाबंदी पंजी देखें

बिहार राज्य सरकार ने भी अन्य राज्य की तरह भूमि प्रबंधन प्रणाली (भूलेख) को राज्य के ऑनलाइन कर दिया है, तथा इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल - भी शुरू किया है, इस पोर्टल की मदद से अब बिहार राज्य के नागरिक घर बैठे Apna Khata Bihar, जमाबंदी पंजी और भू -नक्शा बिहार आदि देख सकते हैं।

रजिस्टर 2 या जमाबंदी पंजी बिहार में भूमि से संबंधित एक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज़ है, जिसमें किसी भूमि की स्वामित्व और अधिकारों की जानकारी दी जाती है।

इसे जमाबंदी खाता भी कहा जाता है। यह दस्तावेज़ जमीन के स्वामियों, खाता संख्या, खसरा संख्या, और उस भूमि पर लागू लगान (टैक्स) की जानकारी देता है। बिहार में जमीन से जुड़े हर मालिक का विवरण और उस जमीन पर होने वाले लेन-देन का रिकॉर्ड इस पंजी में रखा जाता है।

बिहार रजिस्टर २ या जमाबंदी पंजी क्या है?

रजिस्टर २ बिहार एक ऐसा रजिस्टर है, जिसमें आपको किसी भी जमीन का मालिकाना हक रखने वाले व्यकि की सम्पूर्ण जानकारी होती है, जैसा कि पहले यह सब सारी जानकारी भूमि विभाग वाले कार्यलयों में मौजूद होती थी, परंतु अब किसी भी किसान के पास कितनी जमीन है, इसका विवरण अब रजिस्टर २ बिहार में उपलब्ध है।

रजिस्टर 2 बिहार के बारे में दो प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं:

  • भू-अभिलेख का संधारण: रजिस्टर 2 बिहार राज्य के भू-अभिलेखों (भूमि रिकॉर्ड) का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें प्रत्येक भूमि की मौजूदा स्थिति, मालिकाना हक, और भूमि का प्रकार दर्ज होता है। इसे ग्राम स्तर पर तैयार किया जाता है और समय-समय पर अद्यतन किया जाता है।
  • कानूनी साक्ष्य: रजिस्टर 2 बिहार में दर्ज भूमि संबंधी जानकारी कानूनी साक्ष्य के रूप में स्वीकार की जाती है। यह दस्तावेज भूमि विवादों के निपटारे और संपत्ति की खरीद-फरोख्त के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जमाबंदी पंजी में क्या-क्या दर्ज होता है?

बिहार की जमाबंदी में निम्न जानकारियां होती हैं:

  • रैयत (जमीन मालिक) का नाम
  • पिता / पति का नाम
  • जिला, अंचल और मौजा
  • खाता नंबर
  • खेसरा नंबर
  • भूमि का रकबा (Area)
  • लगान (Land Tax) की स्थिति
  • भूमि का प्रकार
  • बंधक या विवाद की स्थिति
  • जमीन से जुड़ी ऐतिहासिक प्रविष्टियां

यह रिकॉर्ड यह प्रमाणित करता है कि किसी भूमि पर किस व्यक्ति का अधिकार है।

जमाबंदी पंजी या रजिस्टर २ बिहार कैसे देखें?

  • सबसे पहले आप आधिकारिक वेबसाइट- https://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/ पर जाएं।
  • जहाँ आपको नीचे की तरफ स्क्रॉल करते हुए “जमाबंदी पंजी देखें” वाले बटन पर क्लिक करें।
  • फिर आपके सामने एक पेज खुलेगा, उस पेज में आप निम्नलिखित विवरणों को अवश्य भरें.
  • जिला और अंचल के नाम भरकर “Proceed” वाले बटन पर क्लिक कर दें।
बिहार भूमि जमाबंदी पंजी या रजिस्टर २

इसके बाद आप हल्का और मौजा का नाम भरकर –

  • भाग वर्तमान
  • पृष्ठ संख्या वर्तमान
  • रैयत के नाम से खोजे
  • प्लाट नंबर से खोजें
  • खाता नंबर से खोजें
  • जमाबंदी संख्या से खोजें
  • समस्त पंजी-2 को नाम के अनुसार देखें
  • में से किसी भी एक के रेडियो बटन का चुनाव करें।
  • चुनाव करने के बाद आप उसका नंबर दर्ज कर, कैप्चा दर्ज करें।
  • उसके बाद आप “Search” वाले बटन पर क्लिक कर दें।

तत्पश्चात आपके सामने जमाबंदी पंजी आ जाएगी, जिसे आप डाउनलोड कर देख सकते हैं।

जमाबंदी क्यों जरूरी है?

जमाबंदी पंजी जमीन से जुड़े हर कार्य का आधार होता है। इसका उपयोग होता है:

  • जमीन खरीदने या बेचने में
  • दाखिल-खारिज (Mutation) के लिए
  • बैंक लोन लेने में
  • भूमि विवाद सुलझाने में
  • सरकारी योजनाओं में
  • लगान भुगतान और LPC बनाने में

जमाबंदी और रजिस्ट्री में निम्नलिखित अंतर होता है:

जमाबंदीरजिस्ट्री
सरकारी भूमि रिकॉर्डखरीद-बिक्री का दस्तावेज
मालिक का नाम दर्शाता हैट्रांजैक्शन का प्रमाण
राजस्व विभाग जारी करता हैनिबंधन विभाग करता है
दाखिल-खारिज से बदलती हैजमीन खरीदने से बनती है

कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

जमाबंदी पंजी क्या है?

जमाबंदी पंजी बिहार सरकार का आधिकारिक भूमि रिकॉर्ड होता है जिसमें जमीन के मालिक, खाता, खेसरा, रकबा और लगान की जानकारी दर्ज रहती है। यह जमीन के अधिकारों का कानूनी प्रमाण होता है।

क्या जमाबंदी जमीन की मालिकी का पक्का प्रमाण है?

हाँ, जमाबंदी सरकारी रिकॉर्ड होता है और यह जमीन पर अधिकार का सबसे मजबूत प्रमाण माना जाता है, हालांकि रजिस्ट्री के साथ मिलकर इसका महत्व और बढ़ जाता है।

अगर जमाबंदी में नाम गलत हो तो क्या करें?

अगर जमाबंदी में कोई गलती है तो आप परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।

जमाबंदी अपडेट होने में कितना समय लगता है?

आमतौर पर दाखिल-खारिज के बाद 30 से 45 दिनों में नई जमाबंदी अपडेट हो जाती है, यदि सभी दस्तावेज सही हों।